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कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी भले ही शासन-प्रशासन लोगों को जागरूक रहा हो, लेकिन ऐसे संदिग्धों की जांच व इलाज में लगे चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इन कर्मचारियों को सिर्फ मास्क व सेनिटाइजर के भरोसे ही संक्रमित लोगों की स्क्रीनिंग व इलाज कर रहे हैं। जबकि ऐसे कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) उपलब्ध कराना चाहिए। जौरा नगर में ऐसे में इन कर्मचारियों की सुरक्षा भगवान भरोसे हैं
शासन-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। ऐसे लोग जो रोज संदिग्धों के संपर्क में आ रहे हैं। उन्हें संक्रमण फैलने का खतरा है।